पटनाः बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Second Day of Winter Session of Bihar Assembly) के दूसरे दिन ही शराबबंदी को लेकर हंगामा मच गया. छपरा में करीब एक दर्जन लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई है. जिसके बाद बीजेपी ने इस मुद्दे को सदन जोरदार तरीके से उठाया. जहां शराबबंदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और नीतीश कुमार के बीच नोकझोंक भी हुई और इस दौरान नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया. उन्होंने आवेश में आकर नेता प्रतिपक्ष को कई बड़ी बातें बोल दीं. जिसके बाद विपक्ष ने सीएम नीतीश कुमार से माफी मांगने को कहा.
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सदन में विजय सिन्हा ने कहा- सदन में नेता प्रतिपक्ष ने शराबबंदी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार में शराब से आज कई मौतें हुई है. बिहार में शराबबंदी फेल है. सरकार इसे सख्ती से लागू करने में नाकाम साबित हो रही है. आए दिन लोग मर रहे हैं. बिहार में हत्या और अपहरण, बलात्कार बढ़ गया है. सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शराबबंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन शराबबंदी के नाम पर जो अपराधियों का गैंग खड़ा हो रहा है, ऐसा माहौल बना हुआ है. वो सब मुख्यमंत्री के अहंकार के कारण है. लॉ एंड ऑडर पूरी तरह से बर्बाद हो जुका है.
"बिहार में शराब से आज कई मौतें हुई है. सरकार इसे सख्ती से लागू करने में नाकाम साबित हो रही है. भारतीय जनता पार्टी शराबबंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन शराबबंदी के नाम पर अपराधियों का गैंग खड़ा हो रहा है, मुख्यमंत्री के अहंकार के कारण अराजकता का माहौल बना हुआ है"- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
"इतना गंदा काम किसी ने नहीं किया है जो कर रहे हो, बहुत गंदा काम है, जीते कैसे हो नहीं पता है तुमको चुप हो जाओ.. शराबबंदी पर आप लोगों ने भी समर्थन दिया था"- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
बीजेपी नेताओं का सीएम नीतीश पर आरोपः बीजेपी नेताओं का आरोप है कि सीएम ने बीजेपी नेता के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया है. जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. दरअसल आज सदन के अंदर जहरीली शराब से मौत पर सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा में बहस हो गई. नीतीश कुमार ने विजय सिन्हा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शराबबंदी पर आप लोगों ने भी समर्थन दिया था. इस बीच नीतीश कुमार ने गुस्से में आकर कई अन्य बातें भी कहीं. इसके बाद बीजेपी के सदस्य वेल में आकर लगातार हंगामा करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने बीजेपी सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने के लिये कहा, लेकिन विपक्ष के लोग नहीं माने और सदन को स्थगित करना पड़ा.